कभी सोचता हूँ नहीं कभी लगता है मैं क्यों हूँ यहाँ फिर अपने आप जवाब भी पाता है सब हैं इसलिए मैं भी!!!
हिंदी समय में सुमित पी.वी. की रचनाएँ
अनुवाद
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